हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,अंबेडकरनगर इंहेदाम जन्नतुल बक़ी के मौके पर मौलाना जफर मारूफी इमाम जुमआ सिकंदर पुर ने जुमे के खुत्बे के दौरान कहा कि जन्नतुल बक़ी मदीना शहर का मशहूर कब्रिस्तान है जिसमे हमारे आखरी नबी के अजदाद घर वाले दोस्त और बहुत से दूसरे लोगो की कब्रे है जिसको आले सऊद ने 8 शव्वाल 1344 हिजरी 1926 ईस्वी को ढहा दिया था।
मौलाना ने कहा की अफसोस की बात ये है कि यह सब इस्लामी तलीमात के नाम पर किया गया इस्लामी जगत में खास कर शिया और सुन्नी समुदाय से संबंध रखने वाले लोगो की जिम्मेदारी है कि इन कब्रों के निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोशिश करे ताकि इस रूहानी और मानवी और ऐतिहासिक कब्रिस्तान का पुनः निर्माण किया जा सके,
मौलाना ने कहा की यह दिन इतिहास का वह दर्दनाक दिन है कि जिसको शोक दिवस के नाम से जाना जाता है मौलाना ने कहा कि इतिहासकारो के अनुसार बक़ी वह कब्रस्तान है जिसमे पैगंबर के सहाबा इनके चचा बेटा इब्राहीम फुफी सफिया और इसके अलावा इमाम हसन इमाम अ.स. इमाम सज्जाद अ.स. इमाम बाकिर इमाम जाफर सादिक अ.स. की भी कब्रें थी सब को ढहा कर वीरान कर दिया गया हैं।